एक हिरन लेकिन बार कुछ शिकारियों का दल एक हिरन का पीछा कर रहा था। बेचारा मोटी बेल के पीछे छिप गया। शिकारियों ने हर जगह तलाश किया उन्हें सफलता नहीं मिली। वे चले गए। हिरन ने खतरा टला देखकर बेल को हिलाना शुरू कर दिया। बेल के हिलने से पैदा हुई आवाज़ एक शिकारी को सुनाई दे गई। उसे समझ में आ गया कि हिरन वहीं कहीं हैं। उसने एक तीर झाड़ियों की ओर निशाना लगाकर छोड़ दिया जो सीधे हिरन के सीने में लगा। दर्द से तड़पते हुए वह बोला “हाय मेरी किस्मत मैं कितना कृतघ्न जीव हूँ। मैं इसी दुर्दशा के योग्य हूँ। जिस पौधे ने मेरी रक्षा की मैंने उसी को नुकसान पहुँचाया। हालाँकि अब बहुत देर हो चुकी है और कुछ नहीं हो सकता। शैतान मेमना बोलने वाली गुफा चूहा बन गया शेर घोड़ा और गधा हौद में पड़ा कुत्ता झूठा दोस्त किंग कोबरा और चीटिंयाँ कुरूप पेड़ मुर्गी और बाज ऊंट का बदला बंदर की जिज्ञासा और कील भेड़िया और सारस