हाथी और तोता की कहानी एक दिन एक जंगली हाथी ने एक पेड़ की डाली तोड़ी जिससे उस पर बना तोते का घोंसला टूट गया और उसमें रखे अंडे फूट गए। तोते का रोना सुनकर एक कठफोड़वा वहाँ आया और उससे रोने का कारण पूछने लगा। तोते ने उसे सारी बात बताई। कठफोड़वा बोला चलो मक्खी की सलाह लेते है। वे मक्खी के पास गए और उसे तोते की दर्द भरी कहानी सुनाई। मक्खी ने मेंढक की सहायता लेने की सलाह दी। तोता कठफोड़वा और मक्खी तीनों मेंढक के पास गए और उसे पूरी बात बताई। जब मेंढक बोला “हम सब एकजुट हो जाएँ तो हमारे सामने हाथी क्या कर लेगा जैसा मैं कहता हूँ वैसा ही करो। मक्खी तुम दोपहर में हाथी के पास जाना और उसके कानों में कोई मीठी सी धुन सुनाना। वह धुन में मग्न होकर अपनी आँखें बंद कर ले तो कठफोड़वा उसकी आँखें फोड़ देगा। वह अंधा हो जाएगा और जब उसे प्यास लगेगी तो वह पानी की खोज करेगा। तब मैं दलदल के पास जाकर वहाँ से टर्र टर्र करने लगूंगा। वह समझेगा कि वहाँ पानी है और वह वहीं पहुँच जाएगा और दलदल में फंसकर मर जाएगा। चारों ने मेंढक की योजना के अनुसार अपने अपने काम अच्छी तरह से किए और बिना सोचे समझे काम करने वाला हाथी मारा गया। शैतान मेमना बोलने वाली गुफा चूहा बन गया शेर घोड़ा और गधा हौद में पड़ा कुत्ता झूठा दोस्त किंग कोबरा और चीटिंयाँ कुरूप पेड़ मुर्गी और बाज ऊंट का बदला बंदर की जिज्ञासा और कील भेड़िया और सारस