ऊँट की कहानी एक दिन एक निर्धन ग्रामीण को तीन ऊँट मिले दो बच्चे थे और एक उनकी माँ थी। ग्रामीण तीनों को घर ले आया और उनकी देखभाल करने लगा। वह तीनों को घास चराने के लिए जंगल ले जाता नहलाने के लिए नदी ले जाता। वह सोचने लगा “इन ऊँटों को बड़ा हो जाने दो। इनसे और बहुत सारे ऊँट पैदा होंगे। इस तरह से मेरे पास बहुत सारे ऊँट हो जाएँगे। तब मैं ऊँटों का व्यापार शुरू कर दूंगा। मेरी निर्धनता दूर हो जाएगी जब भी वह अपने ऊँटों की सवारी करता उसके पड़ोसी उससे ईर्ष्या करने लगते। कुछ ही वर्षों में उसके पास सचमुच बहुत ऊँट हो गए। वह धनी बन गया। गाँव वाले उससे जलते थे। एक दिन उसके ईर्ष्यालु पड़ोसी ने उससे कहा “तुम्हारे ऊँट चरने जाते हैं। तुम्हें कैसे पता लगेगा कि ऊँट कहाँ घूम रहे हैं तुम उनकी गर्दन में घंटी क्यों नहीं बाँध देते ” ग्रामीण ने अपने एक ऊँट की गर्दन में घंटी बाँध दी। एक दिन वह ऊँट जंगल में घूम रहा था। उसकी घंटी लगातार बज रही थी। एक बाघ को घंटी की आवाज सुनाई दी। आवाज़ सुनकर वह बाघ ऊँट पर झपट पड़ा और उसे मारकर खा गया। इस प्रकार उस ग्रामीण को अपने ईर्ष्यालु पड़ोसी की सलाह बिना सोचे समझे मानने की वजह से हानि उठानी पड़ी। शैतान मेमना बोलने वाली गुफा चूहा बन गया शेर घोड़ा और गधा हौद में पड़ा कुत्ता झूठा दोस्त किंग कोबरा और चीटिंयाँ कुरूप पेड़ मुर्गी और बाज ऊंट का बदला बंदर की जिज्ञासा और कील भेड़िया और सारस