सर्प और लड़की की कहानी एक बार एक ब्राह्मण की पत्नी ने एक बच्चे को जन्म दिया लेकिन वह बच्चा सर्प था। ब्राह्मण की पत्नी ने इस बात की बिलकुल चिंता नहीं की। उसने पूरे लाड़ प्यार से साँप को पालना पोसवा शुरू कर दिया। जब सर्प बड़ा हुआ तो ब्राह्मणी उसके विवाह के बारे में सोचने लगी। अब समस्या थी कि ऐसी कौन सी लड़की होगी जो किसी सर्प से विवाह करने के लिए राजी हो जाएगी एक दिन ब्राह्मण ने अपने एक मित्र को बताया कि वह अपने बेटे के लिए लड़की ढूँढ़ रहा है। उसके मित्र ने उससे वादा किया कि वह अपनी बेटी का विवाह उससे कर देगा। इस प्रकार उस मित्र की बेटी का विवाह सर्प के साथ हो गया। हर रात सर्प की केंचुली से एक नौजवान बाहर निकलता और अपनी पत्नी के साथ समय बिताया करता। एक रात ब्राह्मण ने भी सर्प को नौजवान के रूप में बदलते देख लिया। वह दौड़कर कमरे में आया और सर्प की केंचुली उठाकर आग में जला दी। नौजवान बोला “मुझे एक श्राप मिला था। इसके कारण तब तक मुझे सर्प बनकर ही रहना था जब तक कोई मुझसे बिना पूछे सर्प की केंचुली न जला देता। इस प्रकार वह नौजवान फिर कभी सर्प नहीं बना और अपनी पत्नी के साथ सुखी जीवन बिताने लगा। शैतान मेमना बोलने वाली गुफा चूहा बन गया शेर घोड़ा और गधा हौद में पड़ा कुत्ता झूठा दोस्त किंग कोबरा और चीटिंयाँ कुरूप पेड़ मुर्गी और बाज ऊंट का बदला बंदर की जिज्ञासा और कील भेड़िया और सारस