सक्क देव और कुत्ता की कहानी उसीनार राजा के राज में लोगों ने सचाई का रास्ता छोड़कर अनैतिक कार्य करने शुरू कर दिए थे। देवताओं के राजा सक्क ने लोगों को फिर से सही रास्ते पर लाने का निश्चय किया। उसने वनवासी का रूप धारण किया और उनके रथ के सारथी मताली ने अपने को भयानक काले कुत्ते का रूप दे दिया जिसका नाम महाकान्हा था। वे दोनों एक साथ उसीनार के राज्य के द्वार पर जा पहुंचे। “गुर्रर्र ” महल पहुँचते ही भयानक कुत्ता गुर्राने लगा। राज्य के सारे लोग डर के मारे भागने लगे। सक्क ने भयभीत राजा से कहा “यह कुत्ता भूखा है और पापियों को खा जाएगा। आखिरकार सक्क ने अपनी पहचान बता दी और अपने असली स्वर्गिक रूप में आ गए। तभी से राजा और उसके लोगों ने अनैतिक कार्य करना छोड़ दिया और सच्चाई एवं ईमानदारी के रास्ते पर चलने लगे। शैतान मेमना बोलने वाली गुफा चूहा बन गया शेर घोड़ा और गधा हौद में पड़ा कुत्ता झूठा दोस्त किंग कोबरा और चीटिंयाँ कुरूप पेड़ मुर्गी और बाज ऊंट का बदला बंदर की जिज्ञासा और कील भेड़िया और सारस