एक शेर जंगल के छोटे से छोटे मसले पर अन्य जानवरों से सलाह लिया करता था। एक दिन उसने एक भेड़ को बुलाया और उससे पूछा कि क्या उसके मुँह से दुर्गध आती है। भेड़ ने जवाब दिया “हाँ। शेर उसके बेबाक जवाब से बहुत नाराज़ हुआ और उसका सिर धड़ से अलग कर दिया। इसके बाद उसने भेड़िए को बुलाया और उससे भी वही प्रश्न किया। भेड़िया अपने को मुसीबत से बचाना चाहता था। उसने जवाब दिया “नहीं। शेर ने देखा कि भेड़िया झूठ बोल रहा है। नाराज़ होकर उसने भेड़िए को भी मार डाला। अंत में उसने लोमड़ी को बुलाया और वही सवाल दोहराया। लोमड़ी बुद्धिमान थी। उसने सोच लिया कि हर हाल में अपनी जान बचानी है। उसने जवाब दिया “क्षमा करें महाराज लेकिन मैं आपके प्रश्न का उत्तर नहीं दे सकती। सही बात तो यह है कि मुझे सर्दी जुकाम है और मेरी नाक काम ही नहीं कर रही है। शैतान मेमना बोलने वाली गुफा चूहा बन गया शेर घोड़ा और गधा हौद में पड़ा कुत्ता झूठा दोस्त किंग कोबरा और चीटिंयाँ कुरूप पेड़ मुर्गी और बाज ऊंट का बदला बंदर की जिज्ञासा और कील भेड़िया और सारस