गर्मी का दिन था और एक शेर अपनी माँद में लेटा झपकी ले रहा था। अचानक एक चूहा अनजाने में उसके ऊपर कूद पड़ा। शेर की नींद टूट गई। शेर ने चूहे को पंजे में दबोच लिया और उसे मसलने ही वाला था कि चूहा गिड़गिड़ाकर जान की भीख माँगने लगा। शेर को उस पर दया आ गई और उसने चूहे को छोड़ दिया। कुछ दिनों बाद शेर जंगल में घूम रहा था। तभी अचानक वह शिकारियों के लगाए जाल में फंस गया। जाल की रस्सियों में वह इतनी बुरी तरह से उलझ गया कि वह हिल तक नहीं पा रहा था। शेर जमीन पर पड़ा था और असहाय होकर चिल्ला रहा था। उसके चीखने की आवाज जंगल में गूंजने लगी। चूहे ने भी वह आवाज सुनी। वह भी दौड़ा दौड़ा पहुँचा। चूहे ने तुरंत जाल को अपने नुकीले दाँतों से काटना शुरू कर दिया। कई बार छोटे और तुच्छ समझे जाने वाले लोग भी बड़े उपयोगी साबित होते हैं। शैतान मेमना बोलने वाली गुफा चूहा बन गया शेर घोड़ा और गधा हौद में पड़ा कुत्ता झूठा दोस्त किंग कोबरा और चीटिंयाँ कुरूप पेड़ मुर्गी और बाज ऊंट का बदला बंदर की जिज्ञासा और कील भेड़िया और सारस