एक लुहार अपने पालतू कुत्ते के साथ रहता था। कुत्ता दिन भर सोता रहता था जबकि उसका मालिक काम में लगा रहता था। यहाँ तक कि हथौड़े की आवाज़ से भी कुत्ते की नींद नहीं खुलती थी। हर दिन वह तभी जागता था जब उसके मालिक का काम खत्म हो जाता। काम के बाद मालिक खाना खाने बैठ जाता। जब उसका मालिक खाना खा लेता तो कुत्ता उसके पैरों के पास बैठा दुम हिलाता रहता। एक दिन लुहार नाराज़ हो गया और चिल्ला पड़ा “अरे आलसी कहीं का तू दिन भर सोता रहता है। मेरे हथौड़े की आवाज़ से तो तेरी नींद नहीं खुलती और यहाँ मेरे खाना खाने की आवाज़ से ही तेरी आँखें खुल जाती हैं। यहाँ से भाग जा। शैतान मेमना बोलने वाली गुफा चूहा बन गया शेर घोड़ा और गधा हौद में पड़ा कुत्ता झूठा दोस्त किंग कोबरा और चीटिंयाँ कुरूप पेड़ मुर्गी और बाज ऊंट का बदला बंदर की जिज्ञासा और कील भेड़िया और सारस