मुर्गे और बाज पंचतंत्र की कहानी कुछ समय पहले की बात है। दो मुर्गे एक कूड़े के ढेर पर लड़ रहे थे । दोनों पूरी शक्ति से एक दूसरे पर आक्रमण कर रहे थे। लड़ाई में जीतने वाला ही उस ढेर का राजा घोषित होने वाला था। आखिरकार एक मुर्गा बुरी तरह से घायल होकर गिर पड़ा। धीरे धीरे उठकर वह अपने दड़बे में चला गया। जीतने वाले मुर्गे ने एक उड़ान मारी और ज़ोर से बाँग लगाने लगा। उसी समय एक बाज ऊपर से उड़कर जा रहा था। बाज ने एकदम से झपट्टा मारा और उस मुर्गे को दबोचकर ले गया। हारा हुआ मुर्गा यह सब देख रहा था। वह दड़बे से बाहर निकला और कूड़े के ढेर पर खड़ा हो गया। उसने बाँग लगाकर अपने को राजा घोषित कर दिया। घमंड करने वाले की सदैव हार होती है। शैतान मेमना बोलने वाली गुफा चूहा बन गया शेर घोड़ा और गधा हौद में पड़ा कुत्ता झूठा दोस्त किंग कोबरा और चीटिंयाँ कुरूप पेड़ मुर्गी और बाज ऊंट का बदला बंदर की जिज्ञासा और कील भेड़िया और सारस