मूर्ख कौआ की कहानी कौए ने एक हंस को देखा। कौआ तो पूरा काला ही था इसलिए हंस का सुंदर सफेद रंग बहुत अच्छा लगा। वह स्वयं को उसी की तरह सफेद बनाना चाहता था। उसने सोचा कि अगर वह भी हंस की तरह तालाब में रहने लगेगा तो वह भी सफेद हो जाएगा। बस फिर क्या था वह अपना घर छोड़कर तालाब की ओर उड़ चला। उसने पानी में डुबकी लगाई और बार बार अपना तन साफ करने लगा लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ। बेचारे कौए को दोहरी निराशा हो रही थी। पुराने घर में तो उसे खाने पीने का सामान आसानी से मिल जाता था जो कि यहाँ नहीं मिल रहा था दूसरे उसका रंग भी सफेद नहीं हुआ। भूख और दुख से उसकी जल्द ही मौत हो गई। निवास का स्थान बदलने से स्वभाव नहीं बदल जाता। शैतान मेमना बोलने वाली गुफा चूहा बन गया शेर घोड़ा और गधा हौद में पड़ा कुत्ता झूठा दोस्त किंग कोबरा और चीटिंयाँ कुरूप पेड़ मुर्गी और बाज ऊंट का बदला बंदर की जिज्ञासा और कील भेड़िया और सारस