मुर्गा और लोमड़ी की कहानी एक कुत्ता और एक मुर्गा अच्छे दोस्त थे। वे दोनों यात्रा पर निकल पड़े। रात में आराम करने के लिए वे एक पेड़ के नीचे रुके। मुर्गा पेड़ की डाल पर चढ़ गया जबकि कुत्ता उसी पेड़ के नीचे लेट गया। सुबह होने पर मुर्गे ने ज़ोर से बाँग लगाई। उसकी बाँग एक जंगली लोमड़ी को भी सुनाई दे गई। लोमड़ी ने मुर्गे को खा जाने की योजना बनाई। वह बोली “तुम तो हमारे साथी जानवरों के लिए बहुत काम के हो। आकर हमारे साथ ही रहो। मुर्गा उसके इरादे समझ गया और बोला “ठीक है मेरे सहायक को जगा दो। वह घंटी बजा देगा। जैसे ही लोमड़ी ने कुत्ते को जगाया कुत्ता उस पर झपट पड़ा और उसे तुरंत मार डाला। दूसरों के लिए गड्ढे खोदने वाला व्यक्ति कई बार स्वयं ही उस गड्ढे में गिर जाता है। शैतान मेमना बोलने वाली गुफा चूहा बन गया शेर घोड़ा और गधा हौद में पड़ा कुत्ता झूठा दोस्त किंग कोबरा और चीटिंयाँ कुरूप पेड़ मुर्गी और बाज ऊंट का बदला बंदर की जिज्ञासा और कील भेड़िया और सारस