एक भेड़िए ने एक मेमने को देखा तो उसे खाने की योजना बनाने लगा। वे दोनों एक छोटी नदी के पास खड़े थे। भेड़िए ने मेमने से कहा “तुमने पानी को गंदा करने का साहस कैसे किया यह मेरे पीने का पानी “पानी तो तुम्हारी ओर से बह रहा है सीधे सादे मेमने ने जवाब दिया। अरे ” भेड़िया आगे बोला “चलो ठीक है लेकिन पिछले साल तुमने मेरे साथ असभ्यता क्यों की थी तुम सबके सामने मेरा नाम लेकर बुला रहे थे। हैरान परेशान मेमने ने जवाब दिया “मैं तो तब पैदा भी नहीं हुआ था।” “अच्छा भेड़िया चालाकी से बात बदलते हुए बोला तो तुम्हारी माँ ने मेरा नाम लिया होगा। अपनी माँ के अपराध के लिए तुम्हें दंड भुगतना पड़ेगा। इतना कहकर भेड़िया मेमने पर टूट पड़ा। अत्याचारी हमेशा कोई न कोई बहाना इस है।” तलाश ही लेता है और कमजोर व्यक्ति का का कोई तर्क उसके सामने नहीं चल पाता। शैतान मेमना बोलने वाली गुफा चूहा बन गया शेर घोड़ा और गधा हौद में पड़ा कुत्ता झूठा दोस्त किंग कोबरा और चीटिंयाँ कुरूप पेड़ मुर्गी और बाज ऊंट का बदला बंदर की जिज्ञासा और कील भेड़िया और सारस