एक बूढ़ा शेर बीमार पड़ गया। बीमारी के कारण वह उठ तक नहीं पा रहा था। उसने अपनी बुरी दशा के बारे में जंगल में संदेश पहुँचाया। सारे जानवरों को उसके बारे में जानकर दुख हुआ और वे एक एक करके उसे देखने आने लगे। हालाँकि यह शेर की एक चाल थी। जब जानवर उसे देखने आते तो वह उन्हें मारकर खा जाता। एक बार एक लोमड़ी उसे देखने आई। वह बहुत बुद्धिमान थी। वह शेर की माँद में घुसी तो लेकिन शेर से काफी दूर ही बैठी रही। शेर ने उसे पास बुलाया लेकिन लोमड़ी उसके पास नहीं गई और बोली “क्षमा करें महाराज। मैं यहीं सुरक्षित हूँ। मैंने यहाँ जानवरों के आने के निशान तो देखे हैं लेकिन किसी के बाहर जाने के निशान नहीं दिख रहे हैं। जब तक किसी मुसीबत से निकलने का रास्ता पता न हो तब तक उससे दूर ही रहना चाहिए। शैतान मेमना बोलने वाली गुफा चूहा बन गया शेर घोड़ा और गधा हौद में पड़ा कुत्ता झूठा दोस्त किंग कोबरा और चीटिंयाँ कुरूप पेड़ मुर्गी और बाज ऊंट का बदला बंदर की जिज्ञासा और कील भेड़िया और सारस