एक जंगल में एक लालची भेड़िया रहता था। वह हमेशा इस प्रयास में रहता था कि उसे बिना कुछ किए खाने पीने को मिलता रहे। एक दिन उसने भेड़ों के झुंड में शामिल हो जाने की योजना बनाई। उसने एक भेड़ की खाल ओढ़ी और भेड़ों के झुंड में शामिल हो गया। इसके बाद उसने उन शाकाहारी पशुओं के बीच घास चरना शुरू कर दिया। रात में जब बाड़ा बंद कर दिया गया तो भेड़िया भी उनके बीच बंद होकर रह गया। गड़रिया भी भेड़िए को नहीं पहचान पाया था इसलिए उसे कोई चिंता नहीं थी। रात को गड़रिए को भोजन की कमी रही और वह एक भेड़ को लाने बाड़े में आया। दुर्भाग्य से भेड़ के धोखे में वह भेड़िए को ही ले गया और उसे मार डाला। कई बार आसान उपाय के चक्कर में अधिक नुकसान हो जाता है। शैतान मेमना बोलने वाली गुफा चूहा बन गया शेर घोड़ा और गधा हौद में पड़ा कुत्ता झूठा दोस्त किंग कोबरा और चीटिंयाँ कुरूप पेड़ मुर्गी और बाज ऊंट का बदला बंदर की जिज्ञासा और कील भेड़िया और सारस