चूहा और नेवला कहानी एक बार एक लालची चूहा एक किसान के भंडार कक्ष में घुस गया और उसने पेट भरकर गेहूँ खाया। जब वह पेट भर चुका तो वह इतना मोटा हो गया कि वह जिस छेद से भंडार में घुसा था उससे निकलना उसके लिए मुश्किल हो गया। उसने बहुत प्रयास किया लेकिन वह उस छोटे से छेद से नहीं निकल पाया। चूहा एकदम असहाय हो गया और अपने भाग्य को कोसने लगा। तभी एक नेवला आ गया। नेवला उसे देखकर हँसने लगा और बोला “दोस्त मेरी सलाह मानो। इस भंडार से बाहर निकलने का एक ही रास्ता है। यहीं रुककर भूखे रहो और दुबले होने की प्रतीक्षा करो। इसके बाद तुम आसानी से इस छेद से निकल जाओगे। खाना बंद कर दो तो तुम्हें अपने आप रास्ता मिल जाएगा।” चूहे से सहानुभूति दिखाते हुए नेवले ने इतना ही कहा। शैतान मेमना बोलने वाली गुफा चूहा बन गया शेर घोड़ा और गधा हौद में पड़ा कुत्ता झूठा दोस्त किंग कोबरा और चीटिंयाँ कुरूप पेड़ मुर्गी और बाज ऊंट का बदला बंदर की जिज्ञासा और कील भेड़िया और सारस