घोड़ा की कहानी एक बार की बात है। एक घोड़े के पास पूरा चारागाह था। एक दिन घोड़ा जब बाहर गया हुआ था तभी एक बारहसिंघा चारागाह में घुस आया। बारहसिंघा ने हर ओर कूद फाँदकर सारी घास बर्बाद कर दी। जब घोड़ा लौटा तो उसे यह बर्बादी देखकर बहुत क्रोध आया। वह बारहसिंघे को सबक सिखाना चाहता था। वह एक मनुष्य के पास गया और बोला “क्या तुम जंगली बारहसिंघे को दंड देने में मेरी सहायता करोगे वह मनुष्य बोला “ज़रूर। लेकिन एक बात बताओ। क्या तुम मुझे अपनी पीठ पर सवारी कराओगे तभी मैं तुम्हारी सहायता करूँगा और बारहसिंघे को अपने हथियार से दंड दूंगा। घोड़ा बोला “हाँ हाँ क्यों नहीं मैं तैयार हूँ। तभी से घोड़ा बारहसिंघे से बदला लेने की उम्मीद में मनुष्य का सेवक बनकर काम कर रहा है। शैतान मेमना बोलने वाली गुफा चूहा बन गया शेर घोड़ा और गधा हौद में पड़ा कुत्ता झूठा दोस्त किंग कोबरा और चीटिंयाँ कुरूप पेड़ मुर्गी और बाज ऊंट का बदला बंदर की जिज्ञासा और कील भेड़िया और सारस