एक नन्ही मैना अपने घोंसले में लौटते समय अंधेरे हो जाने के कारण रास्ता भटक गई। वह एक पेड़ पर बैठ गई। उस पेड़ पर बहुत सारे कौए बैठे थे। वे सब चिल्लाने लगे हमारे पेड़ से भागो। मैना ने उसने विनती की बारिश होने वाली है मुझे थोड़ी देर यहीं रुक जाने दो। लेकिन कौओं ने उसकी एक न सुनी। आख़िरकार मैना उड़कर दूसरे पेड़ पर बैठ गयी। वहां पर उसे एक खाली गढ्ढा मिल गया जिसमें वह आराम से बैठ गई। कुछ ही देर बाद भारी होने लगी और बड़े बड़े पेड़ गिरने लगे। कई कौए घायल हो गए और कई तो मर भी गए। जब बारिश थमी तो मैना बाहर निकली और अपने घर की तरफ उड़ चली। एक कौए ने उससे पूछा अरे तुम्हें चोट नहीं लगी दूसरों पर दया करने वालों की ईश्वर सहायता करता है और तुम्हारे जैसे घमंडियों को कष्ट सहने के लिए छोड़ देता है मैना ने जवाब दिया। शैतान मेमना बोलने वाली गुफा चूहा बन गया शेर घोड़ा और गधा हौद में पड़ा कुत्ता झूठा दोस्त किंग कोबरा और चीटिंयाँ कुरूप पेड़ मुर्गी और बाज ऊंट का बदला बंदर की जिज्ञासा और कील भेड़िया और सारस