गधा और धोबी की कहानी एक निर्धन धोबी था। उसके पास एक गधा था। गधा काफी कमज़ोर था क्योंकि उसे बहुत कम खाने पीने को मिल पाता था। एक दिन धोबी को एक मरा हुआ बाघ मिला। उसने सोचा “मैं गधे के ऊपर इस बाघ की खाल डाल दूंगा और उसे पड़ोसियों के खेतों में चरने के लिए छोड़ दिया करूँगा। किसान समझेंगे कि वह सचमुच का बाघ है और उससे डरकर दूर रहेंगे और गधा आराम से खेत चर लिया करेगा। धोबी ने तुरंत अपनी योजना पर अमल कर डाला। उसकी योजना काम कर गई। एक रात गधा खेत में चर रहा था कि उसे किसी गधी की रेंकने की आवाज़ सुनाई दी। उस आवाज़ को सुनकर वह इतने जोश में आ गया कि वह भी ज़ोर ज़ोर से रेंकने लगा। गधे की आवाज़ सुनकर किसानों को उसकी असलियत का पता लग गया और उन्होंने गधे की खूब पिटाई की इसीलिए कहा गया है कि अपनी सच्चाई नहीं छिपानी चाहिए। शैतान मेमना बोलने वाली गुफा चूहा बन गया शेर घोड़ा और गधा हौद में पड़ा कुत्ता झूठा दोस्त किंग कोबरा और चीटिंयाँ कुरूप पेड़ मुर्गी और बाज ऊंट का बदला बंदर की जिज्ञासा और कील भेड़िया और सारस