कपटी कौआ की कहानी एक कौआ एक पेड़ की डाली पर रहता था। उसी पेड़ की खोह में एक लोमड़ी रहती थी। एक दिन जब लोमड़ी अपनी खोह से निकली तो कौआ उसमें घुस गया और अपने बच्चों को खिलाने के लिए लोमड़ी के बच्चों को उठाकर ले गया। जब लोमड़ी लौटी तो उसने कौए से अनुरोध किया कि उसके बच्चे लौटा दे। कौआ जानता था कि लोमड़ी उसके घोंसले तक नहीं पहुँच पाएगी। उसने लोमड़ी के अनुरोध पर कोई ध्यान नहीं दिया। लोमड़ी पास के एक मंदिर गई और वहाँ से जलती हुई लकड़ी लेकर आई। उसने पेड़ के नीचे आग लगा दी। आग की गर्मी और धुएँ से कौआ डर गया। अपने बच्चों की जान बचाने के लिए वह जल्दी से लोमड़ी के पास आया और उसके बच्चे लौटा दिए। निर्दयी व्यक्ति जिनका दमन करता है उनसे उसे हमेशा खतरा रहता है। शैतान मेमना बोलने वाली गुफा चूहा बन गया शेर घोड़ा और गधा हौद में पड़ा कुत्ता झूठा दोस्त किंग कोबरा और चीटिंयाँ कुरूप पेड़ मुर्गी और बाज ऊंट का बदला बंदर की जिज्ञासा और कील भेड़िया और सारस