कछुए की कहानी एक राजा ने अपने छोटे उस तालाब में कुछ बच्चों के लिए एक तालाब बनवाया। उसने अपने सिपाहियों से मछलियाँ डालने को भी कह दिया। संयोग से उन मछलियों के साथ एक कछुआ भी तालाब में आ गया। जब राजकुमारों ने कछुए को देखा तो डरकर भागे। राजा ने कछुए को मार डालने का आदेश दिया। सिपाहियों को समझ में नहीं आ रहा था कि वे कछुए को कैसे मारें। काफी सोच विचार के बाद एक सिपाही बोला “इसको नदी में पड़े पत्थरों पर फेंक देते हैं जिससे यह मर जाएगा और नदी की ओर बह जाएगा।” कछुए ने यह सुना तो अपने खोल से सिर बाहर निकालकर बोला “तुम लोग मुझे सीधे ही पानी में फेंक दो। मैं उसी से मर जाऊँगा सिपाहियों ने उसे नदी के पानी में फेंक दिया। कछुआ हँसता हुआ तैरकर अपने घर वापस चला गया। शैतान मेमना बोलने वाली गुफा चूहा बन गया शेर घोड़ा और गधा हौद में पड़ा कुत्ता झूठा दोस्त किंग कोबरा और चीटिंयाँ कुरूप पेड़ मुर्गी और बाज ऊंट का बदला बंदर की जिज्ञासा और कील भेड़िया और सारस