एकता में ही बल है पंचतंत्र की कहानी एक बार की बात है। कबूतरों का एक झुंड था। अपने राजा के साथ वह भोजन की तलाश में इधर उधर रहता था। एक दिन वे सारे कबूतर एक जाल में फंस गए। उन्होंने जाल से छूटने की बहुत कोशिश की लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। कबूतरों के राजा के मन में एक विचार आया। उसने सारे कबूतरों से कहा कि अगर वे सभी एक साथ उड़ने के लिए बल लगाएँ तो वे जाल को साथ में लेकर उड़ सकते हैं। सारे कबूतरों ने उसकी बात मानी और पूरा बल लगाकर जाल को साथ ले उड़े। शिकारी ने जब कबूतरों को जाल के साथ ही उड़ते देखा तो वह हैरान रह गया। कबूतर उड़ते उड़ते एक चूहे के पास पहुँचे। चूहा उनका विश्वसनीय मित्र था। चूहे ने तुरंत ही अपने दाँतों से जाल काट दिया और सारे कबूतर मुक्त हो गए। शैतान मेमना बोलने वाली गुफा चूहा बन गया शेर घोड़ा और गधा हौद में पड़ा कुत्ता झूठा दोस्त किंग कोबरा और चीटिंयाँ कुरूप पेड़ मुर्गी और बाज ऊंट का बदला बंदर की जिज्ञासा और कील भेड़िया और सारस