एक अबाबील ने अदालत में अपना घोंसला बनाया। वह और उसके बच्चे वहाँ प्रसन्नतापूर्वक रहते थे। उनका घोंसला हर ओर से सुरक्षित था और उन्हें कोई डर नहीं था। अचानक एक विचित्र घटना हुई। पास में ही एक बिल में रहने वाला एक साँप वहाँ आया और एक एक करके अबाबील के सारे बच्चे खा गया। जब अबाबील घर लौटी तो उसके बच्चे मरे पड़े थे। दुखी होकर अबाबील ने रोना शुरू कर दिया। उसका रोना सुनकर उसका पड़ोसी आया और उसे सांत्वना देने लगा। अबाबील बोली “मुझे बच्चों के मारे जाने का ही दुख नहीं है बल्कि मुझे इस बात का भी दुख है कि मेरे साथ न्याय के स्थल पर अन्याय हुआ। शैतान मेमना बोलने वाली गुफा चूहा बन गया शेर घोड़ा और गधा हौद में पड़ा कुत्ता झूठा दोस्त किंग कोबरा और चीटिंयाँ कुरूप पेड़ मुर्गी और बाज ऊंट का बदला बंदर की जिज्ञासा और कील भेड़िया और सारस