दुनिया में जो तरक्की हो रही है या देश में कोई तरक्की करता है तो उसे जरूर देखना चाहिए । चाहे घर की टीम हो या बाहरी लोगों को मिलाकर बनाई हुई हो । जहाँ जहाँ अच्छे समूह बन गए वहाँ वहाँ तरक्की हो गई । ऐसा ही देखा गया है ।
आपके आस पास जितने लोग तरक्की पसन्द हैं वो मिलकर ही काम करते होगें । उनका टीम वर्क अच्छा होगा ।
एक परिवार था वो गरीब था । खाने को कुछ नहीं था । काफी सोचा की काम मिले मगर काम नहीं मिला । दो बच्चे थे बीबी थी । एक दिन उन्हें विचार आया कि इस गांव में काम मिलना मुश्किल है । चलो कहीं और चलते हैं । इस इरादे से वे एक दिन गांव छोड़कर चल दिये ।
रात का समय था रास्ता भी जंगली था । सोचा वृक्ष के नीचे रात गुजारी जाये । आदमी ने अपने एक लड़के को लकड़ी चुनने तथा दूसरे को पानी लाने के लिए भेज दिया तथा बीबी को चूल्हा बनाने के लिए कहा । और उसने जगह साफ कर दी । चारों ने अपने अपने काम कर लिए । चूल्हा जलाया गया पानी गर्म होने लग गया । वृक्ष के ऊपर हंस रहता था वो सोचने लगा यह कैसा मूर्ख हैं इन्होनें चूल्हा तो जला दिया मगर इन के पास पकाने को तो है ही नहीं कुछ भी ।
हंस ने उनसे पूछा तुम्हारे पास पकाने को क्या है वो आदमी बोला तुझे मार के खायेंगे । हंस बोला मुझे क्यों मारोगे आदमी बोला हमारे पास न पैसा है और न ही सामान तो क्या करें हंस सोच में पड़ गया । इन्होनें चूल्हा भी जला लिया है । सब कर्मशील हैं मुझे तो यह खा ही जायेंगे तो हंस बोला अगर मैं आपको धन दे दूं तो मुझे छोड़ दोगे । घर का स्वामी बोला हां छोड़ देंगे ।
हंस कहने लगा मेरे साथ चलो मैं तुम्हें धन देता हूं । हंस उन को थोड़ी दूर ले गया और चोंच से इशारा किया और कहा कि यहां से निकाल लो । उन्होंने गढ्ढा खोदा और वहां से धन निकाल लिया । हंस का धन्यवाद कर के वापस अपने गांव आ गये और एक ही दिन में खूब मौज से रहने लग गए । अब उनके घर में किसी चीज की कमी नहीं थी । पड़ोसी ने देखा कि इस परिवार के पास ऐसी कौन सी चीज आ गयी जो इन के पास इतना कुछ आ गया ।
उसने छोटे लड़के को बुला कर सारी बात पूछ ली कि पैसा कहाँ से आया है । उनके भी दो बच्चे थे । उन्होंने भी ऐसी योजना बनाई और चल दिये । उन्होंने भ उसी वृक्ष के नीचे डेरा लगा लिया । आदमी ने अपने बड़े लड़के को कहा लकड़ी लाओ तथा छोटे लड़के को पानी लाने के लिए कहा परन्तु दोनों आनाकानी करने लगे । बीबी ने भी कहा कि मैं थक चुकी हूं । जैसे जैसे पानी लकड़ी इकट्ठी हो गई और पानी गर्म होने लगा ।
हंस फिर आया और बोला तुम्हारे पास खाने को तो नहीं है तो फिर पानी गर्म कर रहे हो । आदमी बोला तुझे मार कर खायेंगे । हंस मुस्कुरा उठा और बोला मारने वाले तो तीन दिन पहले आये थे । तुम अपना समय खराब मत करो । घर जाओ तुम मुझे क्या मरोगे तुम तो आपस में ही लड़ रहे हो । जिन्होंने दूसरों को जितना होता है वे खुद नहीं लड़ते । संसार का नियम भी ऐसा ही है । जिन लोगों ने तरक्की करनी है वे मिलकर चलते हैं और आज भी संसार में उन का ही बोल बाला है । जो आपसी तालमेल में रहते हैं वे ही समाज रूपी हंस को जीत सकते हैं ।