एक किसान था। उसकी तीन बेटियाँ थीं। एक बेटी का नाम था आशा दूसरी का नाम था निशा और तीसरी का नाम था प्रिया। किसान अपनी बेटियों को बहुत प्यार करता था। जब आशा निशा और प्रिया बड़ी हुईं तो किसान ने तीनों का विवाह कर दिया।

आशा का पति एक किसान ही था निशा का पति मिट्टी के बर्तन बनाने वाला कुम्हार था और प्रिया का पति फूलों का व्यापार करता था। शादी के कुछ दिनों बाद किसान अपनी बेटियों से मिलने उनके घर गया। जब वह निशा के घर पहुँचा तो वह अपने पति के साथ मिट्टी के सुंदर बर्तन बना रही थी। किसान ने उससे पूछा “बेटी तुम खुश तो हो न निशा ने कहा “जी पिताजी मैं बहुत खुश हूँ। आजकल हम बहुत बड़े बड़े बर्तन बना रहे हैं।

बस ईश्वर से एक ही प्रार्थना है कि मौसम सूखा और गर्म हो जाए जिससे कि हमारे सारे बर्तन अच्छी तरह से सूख जाएँ। अगर कहीं बारिश हो गई तो बहुत मुश्किल हो जाएगी। आप भी ईश्वर से प्रार्थना कीजिए कि बारिश न हो। फिर किसान आशा के घर गया।

वह अपने पति के साथ खेतों में काम कर रही थी। पिताजी को देखा तो बहुत खुश हुई। दौड़कर आई ओर अपने पिता के गले लग गई। किसान ने आशा से पूछा बेटी कैसी हो खुश हो न जी पिताजी मैं बहुत खुश हूँ आशा बोली। किसान ने आशा से कहा मैं ईश्वर से प्रार्थना करूँगा कि तुम हमेशा ऐसे ही खुश रहो। और क्‍या माँगूँ में ईश्वर से तुम्हारे लिए तब आशा बोली पिताजी हमें खेतों में डालने के लिए बहुत सारे पानी की ज़रूरत पड़ती है।

आप ईश्वर से प्रार्थना कीजिए कि खूब सारी बारिश हो जिससे कि हमारी फसल बहुत अच्छी हो जाए। फिर वह प्रिया के घर गया। प्रिया भी खुश थी। उसने अपने पिता से कहा पिताजी कितना अच्छा हो कि कुछ दिनों के लिए न गर्मी हो न बारिश। मौसम ठंडा हो जाए तो हमारे खेतों में अच्छे फूल उग सकेंगे। किसान सोच में पड़ गया। एक बेटी चाहती है बारिश हो दूसरी कहती है कि बारिश न हो और तीसरी चाहती है कि न गर्मी हो न बारिश।

आखिर ईश्वर से माँगा जाए तो क्‍या काफी सोचने के बाद किसान ने ईश्वर से सच्चे हृदय से एक ही प्रार्थना की हे ईश्वर मेरी बेटी निशा ने जो बर्तन बनाए हैं उन्हें सुखाना ज़रूरी है इसलिए मौसम को गर्म और सूखा कर दो।

जब उसके बर्तन सूख जाएँ तब बारिश का मौसम कर देना जिससे कि मेरी बेटी आशा के खेतों में पानी की कमी न रहे और जब दोनों की ज़रूरत पूरी हो जाए तो मौसम को ठंडा कर देना जिससे कि प्रिया के फूलों की खेती अच्छे ढंग से हो सके। ईश्वर ने उसकी प्रार्थना सुनी और ऐसा ही किया। इसीलिए हमेशा पहले गर्मियों का मौसम आता है और उसके कुछ दिनों के बाद बरसात का मौसम आता है और बरसात के बाद सर्दियाँ आती हैं। इस तरह सभी की ज़रूरतों का ध्यान रखते हैं ईश्वर |