एक किसान कुछ दिनों के लिए बाहर जा रहा था। उसने अपने बेटे को अपने पास बुलाया और बोला देखो बेटा मैं कुछ दिनों के लिए शहर से बाहर जा रहा हूँ। मेरे पीछे से खेतों का ध्यान रखना फसल को समय से पानी देना। किसी तरह का कोई नुकसान न हो और हाँ एक व्यापारी हमारी गायों को खरीदने आएगा।

उसे ये तीन गायें दिखा देना। “ठीक है पिताजी। बेटा बोला। बेटे को समझाकर किसान चला गया। अगले ही दिन व्यापारी वहाँ आया। किसान के बेटे ने उसे तीनों गायें दिखा दीं। व्यापारी बोला मझे तीनों गायें पसंद हैं। इनकी कीमत कितनी है ऐसा कहकर उसने गायें खोल लीं। तीन हज़ार रुपये। बेटा बोला।

“तीन हज़ार रुपये कीमत मुझे ठीक लगती है। मैं तीनों गायें ले जाना चाहता हूँ। व्यापारी ने कहा। लेकिन यदि आप गाय ले जाना चाहते हैं तो आपको पहले पैसे देने होंगे। बेटे ने कहा। व्यापारी बोला तुम बिल्कुल ठीक कह रहे हो लेकिन बात यह है कि मेरे पास आज रुपए नहीं हैं।

मैं ऐसा करता हूँ कि गाय ले जाता हूँ और कल सुबह आकर तुम्हें रुपए दे जाऊँगा। तब बेटे ने पूछा “लेकिन मैं आपकी बात पर विश्वास कैसे करूँ “व्यापारी ने कहा यह बात भी ठीक है।

अच्छा एक बात बताओ। अगर मैं अपनी कोई कीमती चीज़ तुम्हारे पास छोड़ जाऊँ तो मैं कल सुबह पैसे लेकर आऊँगा और अपनी चीज़ ले जाऊंगा क्यों ठीक है ना “ठीक तो है लेकिन कया छोड़ेंगे आप मेरे पास बेटे ने पूछा। तब व्यापारी ने तीनों में से एक गाय की रस्सी बेटे को पकडाई और बोला यंह देखो यह गाय एक हज़ार रुपए की है न मैं अपनी यह एक हज़ार रुपए की गाय तुम्हारे पास छोड़ जाता हूँ।

ठीक है बेटे ने सोचा “तीन हज़ार रुपयों के बदले में एक हज़ार रुपए की चीज़ तो ठीक ही है। वह तैयार हो गया। इस तरह व्यापारी दो गायों को लेकर वहाँ से चला गया। क्या तुम्हें लगता है कि वह अगले दिन वापिस आया होगा।