जंगल का राजा शेर युद्ध की तैयारी कर रहा था। उसने जंगल के सभी जानवरों की एक सभा बुलाई। हाथी हिरन ख़रगोश घोड़ा गधा भालू बंदर सभी आए।

राजा शेर ने सबको उनके काम सौंप दिए। केवल ख़रगोश ओर गधे को काम देना बाकी था। शेष जानवर बोले महाराज आप अपनी सेना में गधा और खरगोश को शामिल मत कीजिए। “लेकिन क्यों शेर ने पूछा।

तब सभी जानवरों की ओर से हाथी खड़ा हुआ और बोला “महाराज गधा इतना मूर्ख है कि वह हमारे किसी काम का नहीं है युद्ध के समय बुद्धिमान व्यक्ति की ज़रूरत होती है। फिर भालू बोला और महाराज ये ख़रगोश तो इतना डरपोक है कि मेरी परछाई से ही डरकर भाग जाता है।

ऐसे डरपोक व्यक्ति का युद्ध में क्या काम अब शेर बोला भाइयो आपने गधे और ख़रगोश की कमज़ोरियाँ तो देख लीं लेकिन क्या आपने उनकी खूबियों पर ध्यान दिया हाँ खूबियाँ देखिए गधा इतनी तेज़ आवाज़ में चिल्ला सकता है कि मेरी दहाड़ भी उसके सामने हल्की लगेगी और ख़रगोश के जितना फुर्तीला क्या कोई और है इसलिए मैं गधे को उद्घोषक बनाता हूँ और ख़रगोश को संदेशवाहक ।

हर किसी के अंदर कोई न कोई खूबी ज़रूर होती है। बस ज़रूरत होती है तो उसे ढूँढ़ने की। बोलो हाँ कि ना ।