एक बार बादशाह अकबर ने दरबार में पूछा बताओ बताओ सबसे चतुर कौम कौन सी है मुल्ला दोप्याजे तथा अन्य लोगों ने अपनी अपनी जातियों को होशियार बताया।

जब बीरबल से पूछा गया तो उसने बताया जहाँपनाह सबसे चतुर बनिया होता है। बनिए से चालाक कौम कोई नहीं होती। कैसे बादशाह ने पूछा। बनिया कभी किसी की बुराई नहीं ले सकता। जैसा मुँह होता है वह वैसी ही बात करता है।

बीरबल ने बताया। सिद्ध करके दिखाओ। जी अच्छा। बीरबल ने सात आठ बनियों को बुलवा लिया। उनकी दावत महल में थी। पहले तो वे आने को तैयार ही नहीं हुए। पता नहीं क्या कारण है। बादशाह से किसी ने शिकायत तो नहीं कर दी है। परंतु जब समझाया गया तो वे आ गए। वैसे भी बादशाह के हुक्म पर आना तो पड़ता ही। जब वे महल में पहुँचे तो उनके चेहरों पर हवाइयाँ उड़ने लगीं।

वे बड़ी मुश्किल से भय को निकाल सके। उनके सामने उड़द की दाल लाई गई और पूछा गया ‘बाताओ ये क्या है देखकर वे पहचान गए कि उड़द की दाल है परंतु इस डर से कि कहीं उसमें और कोई बात न हो वे ठीक नहीं बताना चाहते थे। किसी ने कहा मूंग एक ने कहा मसूर। तीसरे ने मोठ बताया उड़द किसी ने नहीं बताया। बादशाह की समझ में कुछ नहीं आ रहा था कि वे क्या बक रहे हैं।

बादशाह बोले अरे मूर्खा ये उड़द की दाल है। हाँ जी वही है वही है। सब एक साथ बोले। बीरबल और बादशाह ने एक दूसरे की ओर देखा। बीरबल ने पूछा क्या है ये जी वही जो बादशाह ने बताया। क्या बताया हमें तो याद नहीं रहा हुजूर अब बादशाह ने पूछा बीरबल यह उड़द की दाल क्यों नहीं कहते वहम के कारण। बीरबल बोला इन्हें वहम है कि दाल में कोई बात है। ये चालाक हैं।

अब तो आप मान गए बादशाह ने इनाम देकर उन्हें भगा दिया। हाँ बीरबल ये सबसे चालाक हैं। वहम और शक के कारण उड़द की दाल नहीं कहा। दूसरा यह भी कि हम कुछ और न कह दें इसलिए जो हमने कहा था वही बताया। सब एक साथ बोले और हमारी हाँ में हाँ मिलाई।