अकबर बीरबल कहानी रबल एक ब्राह्मण थे और बहुत बुद्धिमान थे तो बादशाह अकबर ने भी ब्राह्मण बनने की सोची।
बीरबल ने काफी समझाने की कोशिश की कि एक अच्छा आदमी होना काफी है लेकिन अकबर नहीं माने और एक संस्कारकार्य की मांग की। बीरबल बादशाह को यह कहकर एक नदी किनारे ले गये कि वहां पर एक व्यक्ति मुगल बादशाह को हिन्दू ब्राह्मण बना सकता है।
वह व्यक्ति वहां पर एक गधे को रगड़ रहा था। उस आदमी ने बताया मैं अपने गधे को घोड़े में बदल रहा हूं। एक साधु ने मुझे बताया कि यदि मैं नदी किनारे खड़े होकर अपने गधे को रगडूंगा तो वह घोड़ा बन जायेगा। अकबर उस पर जोर से हंसे। यह कभी नहीं हो सकता यह कैसे हो सकता है जब बीरबल हंसे तो अकबर को उनकी चाल समझ आ गयी।
शिक्षा न बदलने वाली वस्तु को बदलने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। जो बदल सकता है उसे श्रेष्ठ बनाने की कोशिश करें और अंतर करना सीखें। आपकी बुद्धि व समझ या तो प्राकृतिक हो सकती है या फिर आप उसे सीख कर प्राप्त कर सकते हैं। इसका रंग जाति धर्म से कोई संबंध नहीं है।